LITTLE KNOWN FACTS ABOUT सपने में बूंदी का प्रसाद देखना.

Little Known Facts About सपने में बूंदी का प्रसाद देखना.

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छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है.

ज़िला प्रशासन के मुताबिक़, रास्ता बनाने के लिए लोहे का बैरीकेड काटकर वहां पर लोहे का एक गेट लगाया गया.

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छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस दिन भोग तैयार किया जाता है. शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है.

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प्रशासन के मुताबिक कोर्ट के आदेश के अनुसार, सिर्फ़ उन्हीं मूर्तियों की पूजा होनी थी जो इस तहख़ाने से मिली थीं.

साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. आइए जानते हैं इस साल किस तारीख को है नहाय खाय और खरना.

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हिन्दू पक्ष उसे अपनी याचिकाओं में व्यास जी का तहख़ाना भी कहता है.

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

इन मूर्तियों की पहले ली गई तस्वीरों से पहचान करके निकालने में दो से तीन घंटे लगे.

यह पहले से ही सरकार के ट्रेज़री में मौजूद थीं.

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वाराणसी प्रशासन का कहना है कि जब read more तहख़ाने में प्रवेश किया गया और पूजा कराई गई तब वहां सोमनाथ व्यास के परिवार और इस मुकदमे का कोई भी याचिकाकर्ता मौजूद नहीं था.

इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है. साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है.

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